झारखंड सरकार ने भर्ती दौड़ में मृत अभ्यर्थियों के परिजन को चार चार लाख का चेक देने का निर्णय लिया है साथ में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवाओं को भी मुआवजा देने का निर्णय लिया.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में झारखंड उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा व मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवाओं के पक्ष में फैसला सुनाया है कहा की दक्षता परीक्षा में मृत हुए अभ्यर्थियों के परीजन को चार-चार लाख के चेक प्रदान की जाएगी जबकि मॉब लिंचिंग के शिकार हुए युवाओं को मुआवजा देने की बात कही है.
मॉब लिंचिंग से पीड़ित एक घायल व्यक्ति को एक लाख की सहायता राशि दी गई थी फिर रांची में ओरमांझी थाना के अंतर्गत मॉब लिंचिंग की घटना में मिथुन सिंह खेरवार की पुत्री सोनाक्षी कुमारी को साल 2023 में 5 लाख की सहायता राशि का चेक दिया था.
15 युवाओं की जान जाना मुख्यमंत्री के लिए चुनौती
वैसे तो झारखंड की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी बात को जनता के सामने रखते नहीं है यदा कदा ही कुछ कहते हैं लेकिन उन्होंने सचमुच उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए युवाओं के लिए संवेदना व्यक्त किया कहा कि हमारी सरकार अपने जिम्मेवारियों को बखूबी निर्वहन कर रही है , झारखंड उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा तथा मोब लिंचिंग से मृत व्यक्तियो के परिजन सभागार में इकट्ठा थे , मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा झारखंड उत्पाद सिपाही की नियुक्ति निकाली गई थी उस दौरान 15 नौजवानों की दुर्भाग्यवश बेसमय मौत हो गया यह घटना बहुत ही मार्मिक और हैरान करने वाली है.
मुख्यमंत्री ने सभा को आगे बढ़ते हुए कहा कि यह घटना देश में पहली बार देखने और सुनने को मिला है इससे पहले ना तो राज्य में और ना ही देश में ऐसी घटना होते हुए देखा गया था मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी कई बार बहाली निकली और सारी प्रक्रियाएं की गई लेकिन इस तरह के घटना कभी-कभार देखने को मिलता है.
केंद्र सरकार से डॉक्टर की बड़ी टीम का मांग
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 15 नौजवानों की मृत्यु हमारे लिए एक गंभीर विषय है हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और इस घटना को विस्तार से जांच करने का अनुरोध किया है झारखंड में आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में पुलिस भर्ती से लेकर अन्य खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा ऐसे में इस प्रकार का दुर्घटना चुनौती बनी रहेगी साथ में डर बना रहेगा इसलिए हमने केंद्र सरकार से डॉक्टर की एक बड़ी टीम का मांग किया है और विधिवत जांच करने को कहा है.